
रूस यूक्रेन के बिच चल रहे मतभेद के चलते पूरा देश अपनी आने वाले समय के परिणाम पर नजर टिकाये बैठा है अब देखना ये होगा के रूस अपना अगला कदम किस और उठता है। रूस ने खुले तोर पर यूक्रेन को कह दिया के वो अपने खोये हुए देशो को वापस लेगा उसके उसे कुछ भी करना पड़े और इस बात को रूस ने साबित भी किया है लेकिन इस मुद्दे से भारत देश पर जयदा दबाब पड़ रहा ये बात हम आपको आगे बतायेगे. और ये क्यों सब देश रूस के खिलाफ जाने के लिए 100 बार सोच रहे है

लेकिन भारत के लिए मुश्किलें बढ़ती जारही है। जिसका मुख्या कारन एक तो यूक्रिन में फसे भारतीय है जिहने निकालने के लिए भारत सरकार पर बहुत दबाब बढ़ता जारहा है और दूसरी तरफ रूस का इस पुरे मामले से पीछे ना हटना जिसका प्रभाव आने वाले समय में पुण्य तोर पर देखने को मिल सकता है। ऑपरेशन गंगा तहत कई भारतीय स्टूडेंट्स को यूक्रेन से सुरक्षित निकाला जा चूका है अभी भी काफी भारतीय फसे हुए और मोदी सरकार से उहने निकलने की गुहार लगा रहे है। ऐसे में भारत ने हर सम्भव कोशिश की है वो चाहिए रूस के प्रेजिडेंट पुतिन से बात करने की क्यों ना हो
रूस यूक्रेन के इस मुद्दे से अमेरिका और नाटो ने अपने हाथ खींचने का संदेश दे दिया है। भारत और रूस के रिश्ते के बारे में पूरी दुनिआ जानती है और भारत किसी भी तरिके से रूस के खिलाफ जाने की नहीं सोचेगा लेकिन इस वक़्त रूस को इस सब मामले का मुख्या कारन बता कई प्रतिबंदी भी लगाई गयी है ऐसे में अगर भारत पुण्य तोर पर रूस का साथ घोषित करता है तो कई समस्या जसे व्यपार, मुद्रा और अन्य चीज़ो के लिए भारत को मुश्किलें सामने आएगी। ऐसे में रूस ने अपने देश के बारे में न सोचते हुए ये कदम लिए। क्या भारतीय सरकार भी ऐसा कुछ करने की तयारी में है। रूस ने भारत को हमेशा एक सच्चा दोस्त बताया है और ऐसे मोके पर भारत रूस का बरोसा नहीं तोडना चाहता। आने वाले समय में देखते के परिस्थिया केसी होती है
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