
आने वाले दिनों में अगर आपको पेट्रोल-डीजल 45 रुपये लीटर मिलने लगे तो आश्चर्य मत कीजिएगा।
ऐसा हो सकता है। देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये लीटर के पार पहुंचे पर मोदी सरकार इसके दाम कम करने पर शिद्दत से विचार कर रही है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर टैक्स घटाने को लेकर कुछ राज्यों, तेल कंपनियों और पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ चर्चा की है। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय चाहता है कि कोई ऐसा रास्ता निकले, जिससे सरकार की आमदनी पर भी असर ना पड़े और आम जनता को भी राहत मिल जाए।पेट्रोल के दाम आज कई राज्यों में 100 का आकंड़ा पार कर चुके हैं. लोगों की जेब में आग लगी हुई है.
वही महंगाई की मार झेल रही आम जनता की उम्मीदें आज लखनऊ में होने जा रही GST काउंसिल की बैठक पर टिकी हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने जा रही काउंसिल की 45वीं बैठक में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के दायरे में लाए जाने पर विचार हो सकता है।लखनऊ में अब से कुछ देर बाद शुरू होने वाली इस बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री हिस्सा लेंगे. GST काउंसिल की इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है, जिसका असर कारोबारियों से लेकर आम आदमी पर पड़ेगा. बता दें कि जून में केरल हाईकोर्ट ने काउंसिल से आग्रह किया था कि वो पेट्रोलियम प्रोडक्ट को GST के दायरे में लाने पर विचार करें।

हाईकोर्ट के आग्रह के बाद GST मंत्री समूह ने एक प्रस्ताव तैयार किया है।
दरअसल, जीएसटी सिस्टम में अगर कोई भी बदलाव करना हो तो उसमें पैनल के तीन-चौथाई से अप्रूवल की जरूरत होती है. इसमें सभी राज्यों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. हालांकि इस प्रस्ताव में से कुछ ने फ्यूल को जीएसटी में शामिल करने का विरोध किया है क्योंकि उनका कहना है कि ऐसे में केंद्र सरकार को एक प्रमुख राजस्व जुटाने वाला टूल सौंप देंगे.दरअसल GST दायरे में आते ही तेल के दाम कैसे कम होंगे,
ये एक उदाहरण से समझा जा सकता है . दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 101 रुपये 19 पैसे से घटकर 56 रुपये 45 पैसे हो जाएगी. जबकि डीजल की कीमत 88 रुपये 62 पैसे से घटकर 55 रुपये 42 पैसे हो जाएगी.
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर घाटा राज्य सरकारों का है.सूत्रों द्वारा जानकारी मिली है कि दिल्ली और छत्तीसगढ़ की सरकारें इसके लिए तैयार हैं. लेकिन बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध किया है. कई राज्यों ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने का विरोध किया है। केरल के वित्त मंत्री के एन बालागोपाल ने कहा कि अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर कोई कदम उठाया जाता है, राज्य उसका पुरजोर विरोध करेगा। वहीं महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि राज्य सरकार
कर लगाने के राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण करने की दिशा में उठाये जाने वाले किसी भी कदम के खिलाफ है।
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