कैसे एक बस ड्राइवर की लड़की बनी UPSC की Topper

नई दिल्ली: हरियाणा के बहादुरगढ़ की रहने वाली प्रीति हुड्डा ने हिंदी माध्यम से पेपर और मीटिंग देकर यूपीएससी की परीक्षा पास की. इसके बाद उनका चयन आईएएस के लिए हुआ। प्रीति के पिता दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) में गाड़ी चलाते थे और जब उन्होंने अपने पिता को आईएएस बनने की खुशखबरी दी, तब भी वह सड़क पर गाड़ी चला रहे थे।

प्रीति ने जेएनयू से की अपनी परीक्षा की तयारी

प्रीति हुड्डा को दसवीं में 77 फीसदी और बारहवीं में 87 फीसदी अंक मिले हैं। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के लक्ष्मी बाई कॉलेज से हिंदी में ग्रेजुएशन किया, जिसमें उन्हें 76 प्रतिशत अंक मिले। इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से हिंदी में एम.फिल और पीएचडी की।

एम.फिल. के बाद यूपीएससी की व्यवस्था शुरू

बीबीसी से बातचीत करते हुए प्रीति हुड्डा ने बताया था, ‘युवा उम्र में कभी नहीं सोचा था कि आम मदद के लिए प्लान करूंगी. मैं अपने परिवार में इस हद तक ध्यान केंद्रित करने वाली पहली युवती हूं। उन्होंने कहा, ‘पिता की कल्पना आईएएस बनने की थी, जब मैं जेएनयू आया तो मुझे पता चला कि कैसे प्लान करना है और एम.फिल करने के बाद मैंने प्लानिंग शुरू की।’

तयारी के वक़्त किया बहुत मुश्किलों का सामना

यूपीएससी टेस्ट की प्लानिंग के बारे में प्रीति हुड्डा ने कहा, ’10 घंटे लगातार तैयारी करने के बजाय थोड़ा सोच-विचार कर हेडिंग चुनने की जरूरत है। व्यवस्था के साथ-साथ मौज-मस्ती भी महत्वपूर्ण है। योजना बनाते समय फिल्में देखें। प्रोस्पेक्टस को चरणबद्ध तरीके से निश्चितता के साथ पूरा करें और दूसरी बार पुस्तकों का एक बड़ा सौदा पढ़ने के बारे में सोचें, प्रतिबंधित पढ़ें, हालांकि बार-बार पढ़ें।

IAS अधिकारी प्रीति हुड्डा की सफलता की कहानी

गाड़ी चलाते समय पिता को अपनी बच्ची के आईएएस बनने की खबर मिली

प्रीति हुड्डा ने कहा, ‘जब मेरे यूपीएससी के परीक्षा परिणाम आए, तो मैंने अपने पिता को फोन किया और आसपास वह डीटीसी ट्रांसपोर्ट चला रहे थे। पापा यह खबर सुनकर बहुत खुश हुए। पिता कभी भी हर तरफ तालियाँ नहीं बजाते, फिर भी उस दिन उन्होंने दिलचस्प ढंग से तालियाँ बजाईं और कहा कि ठीक है मेरे बच्चे, मैं असाधारण रूप से खुश हूँ। ऐसे बच्चो की कामयाबी से माता पिता हमेशा अपना सीना चौड़ा करके चलते है , आईएएस की तयारी अभी के बच्चो के लिए बहुत मुश्किल काम बनता जारहा है , लेकिन बच्चो को शुरू से अपने जीवन में कुछ करने के लिए प्रेरित करना हमारे माँ बाप का मुख्या फर्ज है। अगर आप भी माँ बाप है और हमारा आर्टिकल पढ़ रहे तो इस कहानी को जरूर अपने जीवन में उतारे , और अगर आप आईएएस की तयारी कर रहे है तो ये आपके लिए एक आपको प्रेरित करने का बहुत अच्छा स्रोत है। आशा करते है आपको ये खबर अछि लगी होगी , धनयवाद

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*