
भारत हरनाज संधू ने यूनिवर्स का खिताब जीत लिया है। मिस यूनिवर्स का ताज भारत की झोली में 21 सालों के बाद आया है। आखिरी बार साल 2000 में लारा दत्ता ने इस खिताब को जीता था और उसी साल हरनाज संधू का जन्म हुआ था। इजरायल के इतिहास में सब्सिडी मिस यूनिवर्स 20 21 की प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें हरनाज संधू भारत का नेतृत्व कर रही थी। पंजाब की रहने वाली 21 वर्षीय हरनाज संधू ने फ्रांस की नादिया फरेरा और दक्षिण अफ्रीका की लैला मनवानी को पछाड़ कर इस खिताब पर कब्जा जमाया है।

2020 की जिसकी रिपोर्ट सुचेता मेक्सिको की आज्ञा मेहता ने हरनाज संधू को ताज पहनाया। सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हरनाज संधु 17 साल की उम्र से भाग ले रही हैं। इससे पहले 2001 में वह मिस दीवा 2021 का खिताब जीत चुकी हैं। 2019 में उन्होंने फेमिना मिस इंडिया पंजाब का खिताब जीता था और 2019 की फेमिना मिस इंडिया प्रतियोगिता के शीर्ष 12 में उन्होंने जगह बनाई थी। इसके अलावा वह दो पंजाबी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। खिताब जीतने के बाद हरनाज संधू ने कहा मैं ईश्वर मेरे परिचित और संगठन की आभारी हूं जिन्होंने इस पूरे सफर में मेरा मार्गदर्शन किया और मेरा समर्थन किया
21 सालों के बाद भारत के लिए ये गौरवशाली ताज ले जाना सबसे बड़े गर्व का क्षण है। अंतिम पड़ाव के दौरान सभी प्रतिभागियों से पूछा गया था कि आज के समय में दबाव का सामना कर रही उन युवा महिलाओं को वो क्या सलाह देना चाहेंगी जिससे वो उसका सामना कर सकें। इस सवाल पर आजाद संधु ने कहा आज के युवा पर सबसे बड़ा दबाव उनका खुद पर भरोसा करना है जानना कि आप अनोखी हो।
पर ये आपको खूबसूरत बनाता है अपने आप की दूसरों से तुलना बंद करिए और पूरी दुनिया में जो हो रहा है उसपर बात करना बेहद जरूरी है। बाहर निकलिए खुद के लिए बोलें क्योंकि आप ही अपने जीवन की विजेता है। आप खुद की आवाज हैं। मैं खुद में विश्वास करती हूं इसलिए मैं आज यहां पर खड़ी हूं। इस सवाल के जवाब में हरनाज को टॉप थ्री में शीर्ष पर बना दिया और वो विजयी घोषित की गई। इससे पहले कॉफी के राउंड में उनसे जलवायु परिवर्तन से जुड़ा सवाल पूछा गया था।
उनसे पूछा गया था कि अधिकतर लोग सोचते हैं कि जलवायु परिवर्तन एक छलावा है। आप उन्हें समझाने के लिए क्या करेंगी। बेरी भी पोस्टिंग में इस हाउस व उनकी ड्यूटीहरनाज संधू ने इसका जवाब दिया मेरा दिल टूट जाता है जब मैं प्रकृति को देखती हूं कि वो कितनी दिक्कतों से गुजर रही है और यह सब हमारी गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण है कि पूरी तरह मानती हूं कि ये समय कम बात करने का और अधिक काम करने का है क्यूंकि हमारा हर एक काम प्रकृति को या तो बचा सकता है या न ष्ट कर सकता है। रोकथाम और सुरक्षा करना पछताने और मरम्मत करने से बेहतर है कि संधू से पहले केवल दो ही भाती वीसी निवास खिताब पर कब्जा जमा सके हैं उनमें से 1994 में पहली बार सुष्मिता सेन ने और दूसरी बार 2000 में लारा दत्ता ने ख़िताब जीता था।
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