जब इनकम टैक्स की रेड में पकड़े गए थे 13000 करोड़

देर से ही सही, आयकर विभाग ने कानपुर के वित्त प्रबंधक पीयूष जैन के स्थान पर छापा मारा । वास्तव में, 24 घंटे भी यह गिनने में चूक गए हैं कि  पीयूष जैन से कितनी संपत्ति की वसूली की गई है। बताया जा रहा है कि इस रेड  में आईटी ने 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जब्त की है. रेड के दौरान पकड़े गए नोटों की गिनती 8 मशीनों की मदद से की गई।

पीयूष जैन

ऐसे में ऑनलाइन मीडिया के जरिए इंटरनेट पर वायरल हो रही इस तस्वीर को देखकर लोग काफी हैरान हैं। हालांकि आपको बता दें कि अतीत के पन्नों को खंगाला जाए तो ऐसे आयकर रेड  की कहानियां सामने आएंगी, जिसके सामने पीयूष जैन के साथ पड़ी लाली थोड़ी कम नजर आने लगेगी. इसलिए हमें भारी आईटी रेड  के बारे में पता होना चाहिए जहां भारी संसाधन जब्त किए गए थे

1. सरदार इंदर सिंह रेड

38 साल पहले हुई आयकर विभाग की यह रेड  भी कानपुर की ही घटना है। इस दौरान आयकर विभाग ने कानपुर में कांग्रेस विधायक व बड़े वित्त प्रबंधक सरदार इंदर सिंह के यहां छापेमारी  की थी। इस रेड का नेतृत्व लखनऊ के तत्कालीन आयकर अधीक्षक द्वारा संचालित 90 आयकर अधिकारियों के एक समूह ने किया था। 18 घंटे तक चले इस रेड के दौरान आयकर अधिकारियों की सुरक्षा के लिए करीब 200 पुलिसकर्मी वहां मौजूद थे। इस रेड में करीब 1.6 करोड़ रुपए असली पैसे और सोने के साथ-साथ कई अन्य रिपोर्ट भी बरामद हुई थी।

2. हरीश छाबड़ा व रत्न व्यवसायी चित्तरंजन रेड

14 सितंबर 1981 को आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के दो मनी मैनेजर हरीश छाबड़ा और डायमंड सेटर चित्तरंजन के प्रोसेसिंग प्लांट और ठिकानों पर छापेमारी की. आयकर समूह में करीब 88 अधिकारी थे जो रेड  करने गए थे। जिन्हें 2 करोड़ रुपए के अघोषित संसाधन मिले थे। इस रेड को रोकने के लिए अनगिनत शहरवासियों ने पुलिस की नजर में आयकर विभाग की टीम पर करवाई रोकने का प्रयास भी कर दिया था । फिल्म ‘रेड’ इसी आयकर विभाग के रेड पर बनी थी।

3. छाजलानी ग्रुप रेड

आयकर विभाग के इस रेड को इसके सबसे बड़े रेड के रूप में देखा जा रहा है. उल्लेखनीय कारोबारी समूह छाजलानी समूह पर यह हड़ताल करीब तीन दिनों तक चली। 2021 में इंदौर में हुए इस रेड में करीब 230 करोड़ के अघोषित संसाधनों की जब्ती की चर्चा थी. ये पियूष जैन से पकड़ी गयी राशि से कुछ कम है लेकिन इस रेड में कई अन्य बड़े बिजनेसमैन का नाम आ गया था और जिससे इसकी करवाई में काफी मुश्किल भी हुई थी

4. एसपीके ग्रुप रेड

तमिलनाडु में अंतरराज्यीय विकास कार्यों में लगे विकास संगठन एसपीके ग्रुप के कार्यस्थलों पर रेड कर 163 करोड़ रुपये की असली रकम और 100 किलो सोना जब्त किया गया. एसपीके समूह के संगठन का दावा तमिलनाडु के एक सड़क परियोजना कार्यकर्ता नागराजन सेयदुरई ने किया था।

5. भाई ठाकुर रेड

मुंबई के विरार में ठाकुर झुंड पर सालाना ड्यूटी रेड में 13000 (तेरह हजार करोड़) रुपये जब्त किए गए। इस सभा के मालिक महाराष्ट्र के पूर्व विधायक हितेंद्र ठाकुर थे। एक समय हितेंद्र भी टाडा जे ल गए थे। हितेंद्र ठाकुर दा ऊद इब्रा हिम के पूर्व सहयोगी जयेंद्र ठाकुर नॉम डे प्लम भाई ठाकुर के बड़े भाई थे। चौंकाने वाली बात यह है कि नेट पर इस रेड से जुड़ा बहुत सारा डेटा नहीं है। कुछ मीडिया संगठनों ने इस बात का खुलासा किया था, जिसमें बताया गया था कि 390 करोड़ रुपये मिले हैं।

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