सांप काटने पर कैसे बचाये मरीज की जान

first aid

सांप के काटने पर तुरंत करें ये उपाय, इस उपाय से किसी की जिंदगी बच सकती है। सांप काटना एक दुखद घटना है। भारत में सांप काटने का इलाज कम जागरुकता के कारण नहीं हो पाता है। आज भी भारत में लोग सांप काटने पर झाड़-फूंक पर विश्वास करते हैं, और इस अंधविश्वास के चलते अपनी जान गंवा बैठते हैं। सांप काटने पर फर्स्ट एड अगर समय रहते कर दिया जाए तो पीड़ित के बचने का चांस 70 फीसदी तक बढ़ जाता है। इस आर्टिकल में हम सांप काटने पर फर्स्ट एडे और सांप काटने का इलाज जानेंगे।

सांप का काटना क्या है?

स्नेक बाइट यानी या सांप का काटना नाम से ही स्पष्ट है कि सांप द्वारा किसी को काटना। जब सांप खुद को बचाने की कोशिश करता है तो अपने दांतों से अपने शत्रु को काट लेता है। सांप के दांतों में मौजूद जहर काटते वक्त व्यक्ति के खून में चला जाता है।जिससे व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते हैं, लेकिन कुछ सांप जो जहरीले होते हैं, 

वे 50 से 70 फीसदी मालों में जहर छोड़ते हैं।

सांप काटने का इलाज अगर समय पर नहीं किया गया तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। व्यक्ति की मौत होगी या सिर्फ सीरियस इंजरी होगी, ये बात सांप के जहर पर निर्भर करती है। 

अलग-अलग प्रजाति के सांपों के जहर या वेनम विभिन्न प्रकार के होते हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में हर साल लगभग 83,000 लोगों को सांप काटते हैं, 

जिसमें से 11,000 लोगों की सांप काटने के कारण मौत हो जाती है। वहीं, ये बात भी सामने आई है कि भारत में जहरीले सांपों की संख्या बहुत कम है, लेकिन सांप काटने के बाद लोगों को इतना डर जाते हैं 

या पैनिक हो जाते हैं कि वे सदमे में हार्ट फेल होने के कारण मर जाते हैं।भारत में सांप की 236 प्रजातियां हैं। जिसमें से ज्यादातर सांप जहरीले नहीं हैं। 

अगर वे सांप किसी को काट लें तो सिर्फ पैनिक रिएक्शन होता है और जरा सी चोट होती है। 

जबकि सांप की मात्र 13 प्रजातियां ही हैं जो जहरीली होती हैं। 

सांप काटने के लक्षण क्या हैं?

सांप काटने के लक्षणों के आधार पर ही सांप काटने का इलाज किया जा सकता है, 

लेकिन सांप काटने का इलाज करने के लिए भी सांप की प्रजाति के बारे में पता होना चाहिए। हालांकि, सांप काटने के लक्षणों में कुछ बातें सामान्य होती हैं :

जहां पर सांप काटता है, वहां पर दो पंक्चर किए हुए घाव रहते हैं।सांप द्वारा काटे गए स्थान पर बहुत तेज दर्द होता है, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि दर्द हर किसी को हो। 

कुछ मामलों में जब कोरल स्नेक काटता है तो बिल्कुल भी दर्द नहीं होता है, लेकिन यह जानलेवा हो सकता है।सांप द्वारा काटे गए स्थान पर लालिमा, सूजन और टिश्यू का डैमेज होना।असामान्य ब्लीडिंग और खून का जमना।लो ब्लड प्रेशर और शॉक लगना।मितली और उल्टी आनासांस लेने में परेशानी होनाधुंधला दिखाई देनामुंह में ज्यादा मात्रा में लार बननाज्यादा पसीना होनाचेहरे और हाथों-पैरों में सुन्नपन महसूस होना

सांप काटने का इलाज कैसे करें?

सांप काटने का इलाज ही सांप काटने का फर्स्ट एड है, इसलिए नीचे बताई गई बातों को बिना समय गंवाए तुरंत करना शुरू करना चाहिए। हमेशा याद रखिए कि सांप काटने का इलाज आप नहीं कर सकते हैं। इसलिए डॉक्टर के पास ले जाकर ही सांप काटने का इलाज कराएं।

जितनी जल्दी हो सके एम्बुलेंस या डॉक्टर को फोन करें।सांप काटने के समय को नोट करें।सांप को पकड़े या मारे नहीं। 

संभव हो तो सांप का फोटो खींच लें। ऐसा करने से डॉक्टर से सांप काटने का इलाज करने में आसानी होगी। क्योंकि सांप काटने का इलाज अक्सर सांप के एंटीवेनम से ही होता है।

ज्वैलरी या घड़ी अगर सांप काटने वाले स्थान पर हैं या उसके आस-पास हैं 

तो तुरंत उतार दें। क्योंकि जब त्वचा में सूजन आने लगती है तो उससे त्वचा पर घाव हो सकते हैं।जिस अंग पर सांप ने काटा है, उसे दिल से नीचे की ओर रखें। 

ताकि ब्लड का फ्लो कम हो जाए और जहर तेजी से ना फैल सके।

मरीज को शांत कराएं। 

उन्हें नॉर्मल फील करने के लिए कहें। क्योंकि अगर वे पैनिक हो कर हिलने-डुलने लगेंगे तो जहर तेजी से शरीर में फैलेगा।सांप द्वारा काटे गए स्थान को ढीले और सूखे बैंडेज से कवर करें।सांप काटने के बाद मरीज को चलाए नहीं, 

उसे एम्बुलेंस द्वारा ही अस्पताल ले कर जाएं।आपको बता दें कि मरीज को अस्पताल में डॉक्टर द्वारा एंटीवेनम दिया जाएगा। ये एंटीवेनम उसी सांप का जहर होता है। 

जिसे घोड़े या भेड़ के शरीर में डाल कर इम्यूनाइज किया जाता है। फिर उनके ब्लड सीरम को निकाल लिया जाता है। ये ब्लड सीरम ऐसी एंटीबॉडी से भरपूर होता है, जो वेनम पर प्रभावी हो।

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