
दोस्तों दूध अपने आप में एक संपूर्ण आहार के बराबर होता है और इंसान के लिए ऐसे कई पोषक तत्व है ,जो हमें केवल दूध से ही भरपूर मात्रा में मिल सकते हैं। इसलिए कहा जाता है की जो लोग रोजाना दूध नहीं पीते, उन्हें 40 की उम्र के बाद कई तरह की है हेल्थ प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। और बढ़ती उम्र के बच्चों को तो दूध जरूर पीना चाहिए। लेकिन दूध का शरीर पर पूरी तरह से असर हो इसलिए दूध से जुड़े हुए नियम पता होना चाहिए।आज हम बात करेंगे दूध से ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए इसका किस समय पर और कैसे सेवन करना चाहिए?
दूध कब कब नहीं पीना चाहिए?
खाना खाने के बाद दूध अपने आप में एक संपूर्ण आहार होता हैइसलिए भोजन करने के तुरंत बाद दूध पीना दोबारा भोजन करने के बराबर माना जाता है। क्योंकि दूध को पचाने में काफी समय लगता है। और अगर भोजन के बाद दूध पी लिया जाए तो इससे शरीर भारी लगने लगता है। पेट ज्यादा भरा हुआ महसूस होता है। और भोजन पचने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।

खट्टे फल और नमकीन
दोस्तों दूध पीने के पहले या बाद में खट्टी चीजें जैसे कि नींबू अचार, चटनी आदि का सेवन कभी ना करें। और चटपटी नमकीन मसालेदार स्नेक्स को दूध पीने से पहले या बाद में ना खाएं। दूध का इन सभी चीजों के साथ मेल नहीं बनता। और शरीर के अंदर जाकर यह दोनों मिलते हैं
तो केमिकल कंपाउंड अलग होने की वजह से पेट में गड़बड़ होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। पेट से आवाज आना, खाना ना पचना, गैस, एसिडिटी, पेट फूलना, और पेट दर्द जैसी समस्या दूध के साथ खट्टी चीजों का सेवन करने से हो सकती है।
मछली और मांस
ऐसा माना जाता है कि मछली खाने के बाद अगर दूध पी लिया जाए तो शरीर पर सफेद धब्बे और र्लीकोडरमा जैसी बीमारियां हो सकती है। हालांकि ऐसा अभी तक साइंटिफिकली प्रूफ नहीं हुआ है। लेकिन फिर भी मछली और नॉनवेज के साथ या बाद में दूध का सेवन वैसे भी एक सही निर्णय नहीं है। क्योंकि दूध अपने आप में कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर होता है। और मांस, मछली आदि में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है। मांस और दूध दोनों काफी है हेवी होते हैं, जिसके कारण उन दोनों को एक साथ पचाने में हमारे पेट और आंतों को जरूरत से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। जिससे त्वचा रोग से ज्यादा इससे पाचन रोग होने की संभावना काफी बढ़ सकती है।
दूध कब और कैसे पीना चाहिए?
आयुर्वेद के हिसाब से दूध पीने का सही समय रात का माना जाता है। दूध के अंदर ‘ट्रिपटोफिन’ नामक अमीनो एसिड होता है, जो कि दिमाग और बॉडी को शांत कर के अच्छी नींद लाने में मदद करता है। रात भर के एक लंबे अंतराल में जब हम कुछ भी नहीं खाते तो दूध का असर हमारे शरीर पर सबसे ज्यादा होता है। और जो लोग रात को दूध पीते हैं उनका सुबह पेट भी खुलकर साफ होता है।
दूध कैसे पिए?
अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है या सामान्य है तो गाय का दूध पीना सबसे बेहतर होगा। लेकिन अगर आप अपना वजन बढ़ाकर थोड़े मोटा होना चाहते हैं तो, ऐसे में भैंस के दूध का सेवन करना सही होगा। ताकत और पोषक तत्व की नजर से अगर देखा जाए तो गाय का दूध भैंस के दूध से कई गुना ज्यादा बेहतर होता है। क्योंकि इसका असर हमारे दिमाग, त्वचा, हड्डियों और बालों पर काफी तेजी से दिखाई पड़ता है। भैंस का दूध सामान्य दूध के मुकाबले शरीर में कफ की मात्रा को बढ़ाता है। और यह सिर्फ वजन बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी होता है। इसलिए हमेशा गाय का दूध पीए।
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